विजया प्रणामार्घ वराहनगर रामकृष्ण मठाधीष स्वामि वामनानन्द के प्रति
विजया प्रणामार्घ वराहनगर रामकृष्ण मठाधीष स्वामि वामनानन्द के प्रति
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नयनसमुज्ज्वल त्रिलोकविभासित
अयुतनियुतकोटि भानुविकशित
सुरलोक नरलोक वन्दित पुजित
वन्दे महामुणि वामनस्वामि ||
(राग शंकरापे आधारित)
रचना: सुगत वसु (Sugata Bose)
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